उत्तर प्रदेश : मुक्तिधाम ना होने से शवों को बेतरतीब जलाने से फैल रहा प्रदूषण
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ब्यूरो रिपोर्ट लखनऊ | इंडिया टाइम्स समाचार एजेंसी
औरैया यूपी। जनपद औरैया के सुदूरवर्ती पंचनद धाम पर स्थित ग्राम जुहीखा घाट पर विगत कुछ वर्षों से दूर दराज से शवों को लेकर लोग उनकी अंत्येष्टि के लिए गांव के अंदर से होकर नदी तट पर जाते हैं जहां वह लाए गए शव को बेतरतीब तरीके से जलाते हैं जिससे गांव के पास प्रदूषण के अलावा शवों को अधजला छोड़ने से ग्रामवासी हमेशा बहुत अधिक परेशानी का सामना करते रहते हैं तथा शौ यात्रा में आने वालों और ग्रामीणों के बीच अक्सर कहासुनी और वाद-विवाद भी देखने को मिलता है।
बताते चलें कि ग्राम जुहीखा जनपद का एकमात्र बहुत पुराना राजस्व ग्राम होने के साथ-साथ पंचनद तीर्थ स्थल पर जुहीखा घाट प्रसिद्ध होने से अक्सर यहां पर भीखेपुर और बिरुहुनी जो यहां से लगभग 25 से 30 किलोमीटर दूर पड़ता है वहां के आसपास से आए दिन लोग ट्रैक्टर और गाड़ियों से अपने परिजनों के शवों को यहां जलाने के लिए लाते हैं लेकिन उनके पास न तो पर्याप्त लकड़ी होती है और ना ही संसाधन जिससे शव पूर्ण रूप से जल नहीं पाते हैं जो वहीं पड़े देखे जा सकते हैं जिनको कुत्ते और कौवे नोचते खाते हैं जिससे यहां हमेशा प्रदूषण फैलता है और शव के जलने से क्षेत्र में बदबू भी फैलती है जिससे संक्रमित रोग फैलने की जबरदस्त आशंका बनी रहती है लेकिन शासन प्रशासन ने आज तक यहां पर मुक्तिधाम के लिए ना तो कोई प्रयास किया और न यहां कोई व्यवस्था की गई है जिससे यहां पर स्थिति दिन पर दिन बिगड़ती जा रही है।
ज्ञात हो कि बाहर से लाए गए शवों को गांव के अंदर से ले जाने और अंत्येष्टि करने के बाद शव यात्रा में शामिल लोगों द्वारा गांव में दरवाजों पर लगे हुए हैंड पाइपों पर जाकर नहाना धोना और पानी पीने से आए दिन ग्रामीणों और 100 यात्रियों में विवाद होता रहता है क्योंकि शव यात्रा की बात सीधा किसी के दरवाजे पर जाना बुरा मानते हैं इसलिए हमेशा यहां विवाद होते रहते हैं जिस पर प्रशासन और शासन को अतिशीघ्र ध्यान देना होगा जिससे यहां की इस समस्या से शीघ्र समाधान किया जा सके क्योंकि इस समय आवश्यकता अनुसार जगह-जगह शासन द्वारा शवदाह गृह बनवाए जा रहे हैं।