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सीएससी ने बनाया दिनेश कुमार को करोड़पति,खाता धारकों से डकैती से अर्जित की अकूत संपत्ति,पूर्व में अनेकों शिकायतों को दफन कर बढाया जाता रहा मनोबल सिद्ध हुआ घातक।थाना छोड़कर शिकायत पहुची एसपी कार्यालय

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ब्यूरो रिपोर्ट,इंडिया टाईम्स न्यूज एजेंसी
सिद्धार्थ नगर(24/07/2025)
जिम्मेदारों के संरक्षण में फल-फूल रहा लूट का कुटीर उद्योग।धमकी देकर चुप कराने की प्रवृत्ति नें बढाया मनोबल और विभागीय संरक्षण नें भी लूट करनें की दी छूट

सूत्रों से पता चला कि तीन ट्रेक्टर ट्राली,पिकअप,गिट्टी मोरंग की दूकान और भूमि खरीद कर ब्लैक मनी को किया गया व्हाईट।

आय-व्यय की जांच हो जाए तो एक बहुत बडे रैकेट का होगा पर्दाफाश शिकायत करता ने कहा है कि आयकर विभाग व अन्य संबंधित विभागों में शिकायत कर जांच एवं कार्रवाई कराउंगी।

थाना मिश्रौलिया पर पूर्व में अनेकों बार शिकायत हुई लेकिन ले दे कर सुलह करा दिया जाता रहा यही दया भावना लोगो के साथ बार लूट करनें के लिए उत्प्रेरित करती रही।

पूर्व में एसबीआई गौरडीह शाखा प्रबंधक से भी अनेकों पीड़ितों द्वारा किया गया मौखिक व लिखित शिकायत लेकिन सीएससी संचालक से सेटिंग के कारण पैसा वापस करके रफा दफा करा दिया जाता रहा है।

थाना मिश्रौलिया और शाखा प्रबंधक गौरडीह द्वारा यदि किंचित मात्र भी संज्ञान लिया जाता तो आज लोगों के खातों में डकैती नहीं होती और लुटेरा करोडपति भी नहीं बन पाता।

पुलिसिया और बैंकिंग विभागीय सख्ती नहीं होने के कारण दिन प्रतिदिन लूट की रकम की मात्रा बढती ही गई और आज ऐसी नौबत आ गई है कि दस हजार की जगह तीस हजार की निकासी करके बीस हजार हडप लिया जाता है और जानकारी होने पर जब खाता धारक शिकायत करता है तो लूट की रकम वापस देकर चुप कराने का प्रयास किया जाता है।

एसबीआई गौरडीह शाखा अंतर्गत संचालित ग्राहक सेवा केन्द्र गौरडीह में दिनेश कुमार पुत्र राम मिलन द्वारा संचालित किया जाता है।ग्राहक सेवा केन्द्र से इतनी अधिक कमाई हो रही है कि आप कल्पना नहीं कर सकते हैं और यदि सही आंकडा पता लग जाऐगा तो हर किसी का होश उड़ जाएगा।

दिनेश कुमार का एसबीआई गौरडीह ग्राहक सेवा केन्द्र कछार क्षेत्र में संचालित है जहा बाढ आती रहती है और ज्यादा लोग मजदूरी पेशा और अशिक्षित हैं।इस क्षेत्र के लोग केवल अंगूठा लगाना जानते हैं मैसेज पढना भी नहीं जानते हैं।खाता से जमा व निकासी के रकम की जानकारी मैसेज से पता चल जाता है या जो राशि ग्राहक सेवा केन्द्र संचालक बताता है लोग उसी को अपना बैलेंस समझ बैठते हैं। यहां एक समस्या और है कि अधिकांश लोगों का मोबाईल नम्बर लिंक नहीं होता है और इसी का लाभ उठाकर संचालक अधिक रकम निकाल लेता है और कुछ राशि खाता धारक को देकर शेष राशि स्वयं हडप लेता है।

बडे घटनाओं या घोटालों का पर्दाफाश हमेशा एक छोटी सी घटना से होती है और कुछ ऐसा ही हुआ इस ग्राहक सेवा केंद्र संचालक के साथ एक छोटी सी लूट की घटना नें
एक लूट की घटना कर दिया पर्दाफाश यहां भी पैसा वापस करके धमका कर पीड़िता को डराने-धमकाने का प्रयास किया गया लेकिन पीडिता ने ठान लिया था कि लूटेरे को सबक सिखाना है।

शिकायतकर्ता अमीरुनिशा पत्नी मोहम्मद मनौवर  ग्राम- औरहवा, टोला- बडुवई थाना -कठेला समयमाता की निवासिनी है।
थाना मिश्रौलिया थानांतर्गत स्थिति ग्राम पंचायत गौरडीह में संचालित एसबीआई गौरडीह शाखा द्वारा संचालित ग्राहक सेवा केन्द्र जिसके संचालक दिनेश कुमार पुत्र राम मिलन हैं के ग्राहक सेवा केन्द्र से दिनांक 02जुलाई2025 को 10000(दस हजार रुपए)निकालनें गई थी और हमें दस हजार रूपए दिया गया और हमारे सामने रजिस्टर में दस हजार दर्ज करके अंगूठा/हस्ताक्षर लगवाया गया और मैं घर चली आई।अगले दिन 03/07/2025 को पैसे की आवश्यकता पडी तो बजराभारी में स्थित पोस्ट आफिस पर पैसा निकालने गई तो उसने बैलेंस चेक करके बताया कि हमारे खाते में 86092 रुपया है जबकि 106092 रुपया होना चाहिए इससे सिद्ध हुआ कि हमारे  खाता संख्या 36963165916 से दस हजार की जगह तीस हजार निकाला गया था वहां से बगैर पैसा निकाले गौरडीह में स्थित दिनेश कुमार के ग्राहक सेवा केन्द्र जिसका संचालन दिनेश कुमार का भाई राम नरेश करता है पर आ कर बताई कि आप हमारे खाते से दस हजार की जगह तीस हजार क्यों निकाल लिए और हमें दस हजार रुपए ही दिए हैं शेष बीस हजार रुपया कहां गया? तो रामनरेश आमादा फौजदारी हो गया और कहनें लगा कि जहां जाना है जाओ हमारा कुछ नहीं होगा तो मै थाना मिश्रोलिया पर जाकर शिकायत करने की धमकी दी तो राम नरेश ने कहा कि गलती से निकल गया था मैं वापस कर दूंगा पुलिस में शिकायत मत करना।राम नरेश ने अपनें खाता संख्या से हमारे खाता संख्या उपरोक्त मे 04/07/2025 को पांच हजार,15/07/2025 को पांच हजार और 18/07/2025 को दस हजार रुपया भेजा जिससे सिद्ध हो गया कि फ्राड करके पैसा निकाला गया था और पैसा निकालने से पहले हमसे पूंछा गया था कि मोबाईल नम्बर लिंक है कि नहीं तो हमारे द्वारा बताया गया कि लिंक नंबर खो गया है तभी उसको अंदाजा लगा कि मैसेज नहीं जान पाऐंगी और फ्राड से दस हजार की जगह तीस हजार रूपए निकाल लिया गया और हमारे साथ व हमारे पति के साथ अभद्र व्यवहार किया गया और राम नरेश के पिता ने हमारे पति को थप्पड़ से मारने का प्रयास किया।

पीड़िता ने बताया कि इनके द्वारा हजारों लोगों के साथ इसी तरह की धोखाधड़ी व फ्राड करके करोड़ों रुपए की अवैध संपत्ति अर्जित की गई है की जांच की जानी चाहिए कि इतने अधिक मात्रा में अकूत संपत्ति कहा से अर्जित की गई है ,और इनके ग्राहक सेवा केन्द्र से निकासी करने वाले समस्त खाता धारकों की जांच कराई जाए जिससे की लोगो के साथ ठगी के रैकेट का पर्दाफाश हो सके।

वर्तमान परिवेश में न्याय की कल्पना की जा सकती है क्योंकि पुलिस साख इतना गिर चुका है जिसपर हरकोई भरोसा नहीं कर पाता है लेकिन व्यवस्था के कारण शिकायत करना पडता है।बैंक संचालक जेसीबी संचालक भी है और मिट्टी निकालनें का कार्य भी करता इसीलिए पुलिस में अच्छी पैठ है और इसीका असर है कि लूट के बाद हर किसी को धमकी देता रहता है।

मिश्रौलिया पुलिस का संरक्षण ही इसके मनोबल को सातवें आसमान पर पहुंचा रखा है और निर्भय होकर लोगों के साथ ठगी करता रहता है कुछ ऐसा ही रवैया एसबीआई गौरडीह शाखा के अधिकारियों और कर्मचारियों का भी रहता है और इसी प्रकरण में भी एसबीआई गौरडीह के कर्मचारियों द्वारा बार बार सीएससी संचालक के खिलाफ कुछ न करनें की सलाह दी जाती रही है।

एक तरफ शासन प्रशासन नित नए तरीके और कानून बनाता है कि कही किसी के साथ गलत न हो और यदि गलत होता है तो गलत करनें वाले को दंडित किया जाए लेकिन सारी की सारी सरकारी कवादत धरी की धरी रह जाती है जब कानून रखवाडे अपने इमाम का सौदा कर लेते हैं और आज कल इसी का प्रचलन कुछ अधिक बढ़ गया है लगभग हर विभाग में ऐ बीमारी फैल चुकी है लेकिन पुलिस में कुछ अधिक ही दिखाई पड रहा है।

आम जनता में एक विश्वास हो गया है कि मनचाहा रकम दो और मनचाहा काम कराओ इसी कारण लोग पीड़ित होकर भी शिकायत नहीं करना चाहते हैं क्योंकि पीड़िता से कुछ ऐसा डिमांड कर दिया जाता है जो दबंगों के साथ होना चाहिए।

प्राप्त सूचना अनुसार पुलिस क्षेत्राधिकारी इटवा द्वारा प्रकरण की जांच कराई जा रही है और क्षेत्राधिकारी कार्यालय द्वारा जानकारी दी गई कि साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी, पीड़िता को साक्ष्य व बयान हेतु तलब किया गया है।


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