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माह-ए-रमज़ान में तरावीह की नमाज़ के लिए हाफ़िज़ व वक्त मुकर्रर

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सिद्धार्थनगर यूपी

माह-ए-रमज़ान के साथ मस्जिदों में 23 मार्च से तरावीह की विशेष नमाज शुरू हो जाएगी। रमज़ान के स्वागत की तैयारियां चल रही हैं। रमज़ान में तरावीह की नमाज़ का विशेष महत्व है। तरावीह में 8 रकात नमाज़ अदा की जाती है। तरावीह की नमाज़ में हाफ़िज़ पूरा क़ुरआन-ए-पाक सुनाते हैं। शहर व देहात की हर छोटी-बड़ी मस्जिदों में तरावीह की नमाज़ विशेष रूप से अदा की जाती है। ज्यादातर मस्जिदों के लिए हाफ़िज़-ए-क़ुरआन मुकर्रर हो चुके हैं। गांव की मस्जिदों में तरावीह की नमाज़ रात 8:45 से 9:15 बजे के बीच शुरू होगी।

रमजान का महीना शुरू होने वाला है यह महीना सयाम व कैयाम का महीना है पूरा महीना रोजा रखना अरकान इस्लाम में से एक रुकेन इस महीने को रहमतों और बरकतों का महीना कहा जाता है उसकी वजह यह है की कुरान व हदीस में उसकी बड़ी फजीलत आई है।

चुनांचे एक हदीस में है की जिस शख्स ने रमजान के पूरे रोजा रखते हैं तो अल्लाह उस के साल भर के गुनाहों को माफ कर देता है और ऐसे ही जो मर्द औरत तरावीह का एहतमाम करती हैं और पूरे महीने की तरावीह पढती है उसके भी साल भर के गुनाह अल्लाह माफ कर देता है रमजान की बरकतों में से एक यह है कि इसी महीने की आखरी दस रातों में से एक रात लैलतुल कद्र की रात होती है जिस से एक रात की इबादत एक हजार महीने की रात से बेहतर इबादत व रियाजत होती है। और इसी महीने की बरकत है कुरान मजीद इसी महीने में नाजिल हुआ।

रमजान का महीना पवित्र और पाक महीना है मौलाना सुफियान अख्तर नदवी ने बताया की रमजान के महीने में शैतानों को जंजीर से जकड़ दिया जाता है।

जहन्नम के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं और जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं उन्होंने यह भी कहा इसमें तहज्जुद की नमाज भी अदा की जाती है सभी लोगों को चाहिए रमजान के महीने में जितनी इबादत कर सके वह पूरी तरह से लग जाए, लिहाजा हम तमाम मुसलमानों को खास कर नौजवानों को पूरे महीने का रोजा रखने के साथ साथ ज्यादा से ज्यादा तरावीह भी पढ़नी चाहिए।

तरावीह की नमाज़ सुन्नते मुअक्कदा है अब्दुल जाहिद ने बताया की तरावीह की नमाज़ मर्द और औरत सबके लिए सुन्नते मुक्कदा है।

ब्यूरो रिपोर्ट – सिद्धार्थनगर 


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