रामपुर अरना में बाजार के दिन भीषण जाम, आम जनजीवन प्रभावित

बलरामपुर (सादुल्ला नगर)
सादुल्ला नगर से उतरौला को जोड़ने वाले मुख्य मार्ग पर स्थित रामपुर अरना गांव में लगने वाले साप्ताहिक बाजार के कारण हर हफ्ते भीषण जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। यह बाजार सप्ताह में एक बार लगता है, लेकिन उस एक दिन सड़क पूरी तरह से ठेले, सब्जी की दुकानों और बेतरतीब ढंग से खड़ी मोटरसाइकिलों से पटी रहती है, जिससे सड़क पर चलना तो दूर, वाहनों का निकलना तक मुश्किल हो जाता है।
स्थानीय निवासियों और राहगीरों का कहना है कि बाजार के दिन पूरा मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। दुकानदार सड़क पर ही अपना ठेला और दुकानें सजा लेते हैं, जिससे लोगों को घंटों तक ट्रैफिक में फंसे रहना पड़ता है। खासकर स्कूली बच्चों, मरीजों और कार्यालय जाने वालों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
स्थानीय निवासी मोहम्मद रईस ने बताया, “हर हफ्ते बाजार के दिन यहां जाम लगना अब आम बात हो गई है। कई बार एंबुलेंस तक जाम में फंसी रह जाती है। पुलिस और प्रशासन को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं हुआ।”
दुकानदारों की मानें तो उनके पास दुकानें लगाने के लिए कोई नियत स्थान नहीं है, इसलिए वह मजबूरी में सड़क पर दुकान लगाते हैं। वहीं राहगीरों का कहना है कि प्रशासन को वैकल्पिक स्थान चिन्हित कर बाजार को वहां स्थानांतरित करना चाहिए या फिर ट्रैफिक नियंत्रण की मजबूत व्यवस्था करनी चाहिए।
इस मार्ग से सैकड़ों वाहन रोज़ गुजरते हैं जो सादुल्ला नगर को उतरौला, तुलसीपुर और बलरामपुर मुख्यालय से जोड़ते हैं। ऐसे में जाम की यह स्थिति किसी भी समय बड़े हादसे को न्यौता दे सकती है।
स्थानीय प्रशासन का रवैया उदासीन
जब इस विषय में स्थानीय प्रशासन से बात करने की कोशिश की गई, तो किसी अधिकारी की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई। जनता की मांग है कि या तो बाजार के लिए एक निर्धारित स्थल सुनिश्चित किया जाए या फिर बाजार के दिन यातायात को वैकल्पिक मार्ग से गुजारने की व्यवस्था की जाए।
रामपुर अरना में लगने वाला यह बाजार स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार के लिए जरूरी जरूर है, लेकिन इससे आमजन को हो रही परेशानियों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। ज़रूरत है संतुलन और समाधान की, ताकि व्यापार भी हो और यातायात भी निर्बाधरूप से चलता रहे।