विकास की आस में ग्राम पंचायत मसीहाबाद ग्रंट, ग्रामीणों का प्रदर्शन

रिपोर्ट कुतबुद्दीन सिद्दीकी
बलरामपुर : ग्राम पंचायतों के विकास के लिए सरकार हर वर्ष करोड़ों रुपए खर्च करती है लेकिन भ्रष्टाचार के चलते ग्राम प्रधान अपना विकास करने लगते हैं। कुछ ऐसा ही मामला विकासखंड उतरौला के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मसीहाबाद ग्रंट में देखने को मिला।
ग्राम पंचायत मसीहाबाद ग्रंट में गरीबों को एक अदद सरकारी आवास नहीं मिल सका। आज भी वह परिवार सहित झोपड़ी व टीनशेड में आशियाना बनाकर रहते हैं। बारिश से झोपड़ी में बरसात का गंदा पानी घुस जाता है, जिससे गृहस्थी का सामान भीग कर नष्ट हो जाता है। पूर्व प्रधान से लेकर वर्तमान प्रधान के अलावा अधिकारियों तक से गुहार लगाई, आश्वासन तो सभी ने दिया, लेकिन आवास व शौचालय की व्यवस्था नहीं हो सकी। सिर्फ लाभ के बदले उन्हें अब तक आश्वासन ही मिलता आ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि हमारे ग्राम पंचायत में मनरेगा से लेकर ग्राम निधि तक सब में खेल हो रहा है। अगर हमारे ग्राम पंचायत की जांच हो जाए तो सच्चाई सबके सामने आ जाएगी। रोजगार सेवक की कहानी भी काफी अजीबो गरीब है । प्रधान भी वही और रोजगार सेवक भी वही?