संघर्ष की नई इबारत लिख रहे है : एम.अली
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विशाखापत्तनम
बीस वर्ष पहले उत्तर प्रदेश के जिलो के बलराम पुर की तहसील उत्तरौला से आ कर शहरे विशाखापटनम में आ बसे जहाँ शुरूआती दौर मे आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इस के साथ- साथ लोकल भाषा की भी समझ नहीं थी इन जिसके कारण काफि दिक्कतों का सामना करना पड़ता था इन दोनो बेडियो को पार करते हुए अपना संघर्ष जारी रखा और उत्तर भारतीयो में आज आला मुकाम रखते है।
सदैव खडे रहते मददत के लिए
जहाँ लोगो को मदद की जारूत पड़ती रात हो या दिन इन से जो बनता है। मदत करने से पीछे नही हटते है। चाहे किसी गरीब लड़की शादी हो या धार्मिक आयोजन या किसी की ताबेयत खराब हो या अनेय ज़रूरत हो हमेशा सपरिवार खडे रहते हैं।
कोविड के दौर में खुल कर की मददतः-
कोविड 19 के दौर मे जहाँ पूरी दुनिया मे हा हा कार मचा था और लोग अपनी जान बचा भाग रहे थे तब अली ब्रदर्स और उन की पूरी टीम गलियों व चालियों में चल बिना किसी भेद भाव के लोगो की मददत कर रहे थे।
ब्यूरो रिपोर्ट विशाखापत्तनम