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जौनपुर सरपतहा पुलिस उच्च स्तरीय संरक्षण में कर रही दबंगई की हदें पार,सप्ताह बाद भी शिकायती पत्रों की जांच तक नहीं हुई कार्रवाई तो अकल्पनीय 

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बगैर एफआईआर ही घसीटकर लाते हैं थाने करते हैं पैसों की डिमांड पूरा नहीं करने पर घंटों रखते हैं कस्टडी में और व्यक्ति और वस्तु दोनों के साथ समान व्यवहार,आज भी एक बेकसूर की नयी बोलेरो थाने पर खडी दरिंदगी और दबंगई की दे रही गवाही

 

इंडिया टाइम्स न्यूज एजेंसी,

सिद्धार्थ नगर,यूपी(16फरवरी2025)नियम कानून ताक पर रख सरपतहा थानाध्यक्ष और पुलिस कर रही तानाशाही क्रियाकलाप और इनके गलत कार्यों की शिकायत पर जांच एवं कार्रवाई के बजाए उच्च स्तरीय अधिकारी जिसमें प्रमुख हैं पुलिस क्षेत्राधिकारी शाहगंज का नाम प्रमुख है कर रहे लीपापोती और दे रहे संरक्षण,पांच शिकायती पत्र शिकायतकर्ता निर्मला देवी पत्नी मोतीलाल(पूर्व प्रधान/प्रतिनिधि) द्वारा अपनी समस्या समाधान एवं दबंग पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हेतु प्रेषित किया गया और सभी शिकायती पत्रों में क्षेत्राधिकारी शाहगंज को जांच एवं कार्रवाई हेतु आदेशित किया गया है लेकिन अभी तक पीडिता का बयान तक नहीं दर्ज किया गया है ऐसे पुलिस प्रशासन से कैसे न्याय की उम्मीद रखी जाए?शिकायती पत्रों में मुख्यमंत्री कार्यालय यूपी शिकायत संख्या-40019425008084,

गृह विभाग यूपी शिकायत संख्या-40019425008080,आईजी जोन वराणसी शिकायत संख्या-40019425008076,डीआईजी वराणसी परिक्षेत्र शिकायत संख्या-40019425008073,पुलिस अधीक्षक जौनपुर शिकायत संख्या-40019425008084 को प्रेषित कर पुलिसिया जुल्म की शिकायत की गई थी और पीड़िता का सोच था कि उच्च स्तरीय संज्ञान से हमारे साथ न्याय हो सकता है लेकिन हुआ इसके विपरीत वाहन आज भी थाना परिसर में खडा है।दबंगई करने वाले पुलिसकर्मियों का मनोबल बढा हुआ है ऐसा इसलिए है कि उच्च स्तरीय पर इनके द्वारा बातें बनाकर गलत तथ्य बताकर गुमराह कर दिया जाता है।

 

उत्तर प्रदेश पुलिस की बदनामी का प्रमुख कारण कुछ भ्रष्ट कर्मचारी और अधिकारी है,जो शासन की मंशा पर पानी फेर रहे हैं।जौनपुर जनपद अंतर्गत स्थिति थाना सरपतहा में कुछ ऐसा ही हो रहा है।विगत 8 फरवरी 2025 को थाना अंतर्गत राजस्व ग्राम एकडल्ला में कुछ ऐसा ही घटित हुआ है।एक महिला को बगैर किसी एफआईआर के पुलिस घर से उठा ले जाती है और साथ घर मे खडी नयी बोलेरो का चाभी छीनकर साथ ले आए गुंडागर्दी और दबंगई की ऐसी दास्तान बहुत कम ही मिलती है।

 

जौनपुर पुलिस बेलगाम है जिसकी तस्दीक क्रियाकलापों से हो रही है।एक तरफ सरकार महलीशसक्तीकरण के नाम पर डंका बजा रही है तो दूसरी तरफ सरपतहा थानाध्यक्ष और पुलिस शासन के मुंह पर कालिख पोत रही है‌।शासन के मंशा विपरीत सरपतहा पुलिस थानाध्यक्ष और पुलिस पेश कर रही महिला सशक्तिकरण का नायाब उदाहरण।बुजुर्ग महिला निर्मला देवी पत्नी मोतीलाल(पूर्व प्रधान/प्रतिनिधि)को सुबह से कस्टडी में रखा गया और घर से बोलेरो UP62BZ4427 खींचकर पुलिस थाने ले आई।परिजनों को मिलने तक नहीं दिया जा रहा था उच्च स्तरीय संज्ञान से ही पीड़िता को मिलेगा न्याय

 

पीडिता द्वारा प्रेषित लिखित शिकायतों में बताया गया है कि दिनांक 8 फरवरी 2025 समय प्रातः 11 बजे

सरपतहा थानाध्यक्ष मय हमराही बगैर किसी अपराध के हमे हमारे घर से उठा लिया गया और हमारे घर से बोलेरो वाहन की चाभी छीनकर थाना लाया गया और बार बार अस्सी हजार की मांग किया जाता रहा।पैसा नहीं देने पर दिनभर थाने पर रखा गया और रात्रि होने पर केवल हमें छोडा गया बोलेरो रख लिया गया और कहा गया कि अगर पैसा नहीं दिए तो वाहन में गांजा दिखाकर सीज कर दिया जाऐगा।थानाध्यक्ष सहित 5 पुलिस व एक महिला पुलिसकर्मियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच कराकर सख्त कार्रवाई किया जाए अन्यथा हम जैसे पीड़ितों का विश्वास कानून पर से उठ जाएगा।

 

दास्तानें दरिंदगी पुलिसिया गुंडागर्दी-

“पीडिता निर्मला देवी पत्नी निवासी ग्राम पंचायत -खानपुर टोला-एकडल्ला,थाना-सरपतहा,तहसील-शाहगंज,जनपद- जौनपुर की निवासिनी द्वारा प्रेषित उपरोक्त शिकायती पत्रों में घटना का विस्तृत विवरण दिया गया है,शिकायती पत्र के माध्यम से बताया गया कि दिनांक 08फरवरी2025 को सुबह 11 बजे हमारे घर पर सरपतहा थानाध्यक्ष मय हमराही जिसमें थानाध्यक्ष,पांच पुलिसकर्मी व एक महिला पुलिसकर्मी हमारे घर पर थाने की सरकारी वाहन से आए और हमें घर में से घसीटकर वाहन में लाद लिया गया।पुरुष पुलिसकर्मियों द्वारा हमारे शारीर को पकडा गया और ऐसे अंगों पर हाथ लगाए जिसका वर्णन करते हुए मुझे शर्म आती है।हमारे द्वारा कहा गया कि हमारा अपराध क्या है?लेकिन हमारे किसी भी बात को नही सुना गया और अभद्रता पूर्वक गाली देते हुए हमे अपमानित करके सरकारी वाहन मे लाद लिया गया और घर पर खडी बोलेरो UP62bZ4427 की चाभी परिवार से जबरदस्ती छीनकर बोलेरो पुलिस द्वारा स्वयं चलाकर थाना पर लाया गया।हमें अंदर कर दिया गया और हमारे परिजनों को हमसे मिलने तक नहीं दिया जाता था केवल बार बार अस्सी हजार रुपए की मांग किया जाता रहा और हमारे द्वारा कहा जाता रहा कि साहब हमारे पास इतना पैसा नहीं है तब हमसे थाने में भी अभद्रता किया जाता था बस बार बार एक ही बात पैसा की मांग किया जाता था और कहा जाता था का जब तक पैसा नहीं दोगी नही जाने दिया जाएगा।शाम को जब रात्रि हो गया तो हमारे द्वारा काफी बिनती किया गया तो हमसे सादे कागज पर हस्ताक्षर कराकर हमारे रिस्तेदार के साथ भेजा गया लेकिन हमारी बोलेरो को थाने में रख लिया गया और कहा गया कि कल तक पैसा नहीं मिला तो इसमे गांजा रखकर सीज कर दिया जाएगा।”

 

सरपतहा पुलिस द्वारा दरिंदगी की हदें पार कर दिया गया और मानवाधिकार का हनन किया गया,पुलिस मैनुअल का भी घोर उल्लंघन किया गया तथा महिला सशक्तिकरण का भी उपहास उड़ाया गया।ऐसे क्रियाकलाप करनें वाले यदि पुलिस में बने रहेंगे तो जनता के साथ इसी तरह का व्यवहार होता रहेगा।यदि इतना सब सुननें के बाद भी उच्च स्तरीय संज्ञान लेकर आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो कानून मजाक बनाकर रह जाएगा।

 

पीडिता द्वारा सभी आरोपियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच कराकर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनें की मांग किया गया है और पीड़िता द्वारा यह भी मांग किया गया है कि यदि संभव हो तो पुलिस के अतिरिक्त किसी अन्य विभाग या एसआईटी गठित कराकर जांच एवं कार्रवाई सुनिश्चित कराया जाए।ऐसे अनेकों प्रकरण देखा गया है कि पुलिस की जांच जब पुलिस करती है तो विभाग को बचाने का कार्य करती है जिससे शिकायतकर्ता को न्याय नही मिल पाता है।जब पुलिस की जांच पुलिस ही करेगी तो कार्रवाई का अंदाजा लगाया जा सकता है।अनेकों मामलों में ऐसा देखा गया है कि विभागीय लोगों को बचाने की हर संभव कोशिश की जाती है और इसका प्रमाण है कि एक सप्ताह बाद जांच तक नहीं हुई तो कार्रवाई किस स्तर की होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है?

 


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