जिले में अवैध रूप से चल रहे है जच्चा-बच्चा केंद्र, विभाग मौन
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•अधिकारियों की मिलीभगत से मरीजों की जान से हो रहा खिलवाड़।
• शिकायतों के बावजूद नहीं हो रही कार्रवाई।
बलरामपुर। सरकार मरीजों को सुविधा देने के लिए जहां सख्ती कर रही है, वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से बिना रजिस्ट्रेशन धड़ल्ले से अस्पताल चल रहे हैं। यहीं वजह है कि क्षेत्र में फर्जी अस्पतालों का अवैध धंधा फलफूल रहा है।
कुछ का पंजीकरण क्लीनिक के नाम पर है तो कुछ बगैर पंजीकरण के ही चल रहे हैं और सभी जगह ओपीडी के साथ प्रसव भी कराए जाते हैं। इन अस्पताल के बोर्डों पर एमबीबीएस डॉक्टरों के नाम तो अंकित हैं, लेकिन मरीजों का इलाज झोलाछाप ही करते हैं।
सेंट्रल प्रेस काउंसिल के प्रदेश महासचिव कुतुबुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि पूरे जिले में यदि गहराई से जांच कराई जाए तो तमाम हॉस्पिटल एवं जच्चा-बच्चा केंद्र ऐसे मिलेगें जहाँ पर अवैध रूप से प्रसव के साथ-साथ नॉर्मल डिलीवरी के नाम पर धन उगाही का लंबा खेल चल रहा है। निजी अस्पतालों में आए दिन मौतों की सूचना मिलती है इसके बाद भी अधिकारियों की कुंभकर्णी नींद नहीं टूट रही है। यदि विभाग द्वारा अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं किया जाता है तो जनहित के लिए बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया जायेगा।
उतरौला तहसील मुख्यालय सहित महदेईया बाजार, चमरूपुर, रेहरा बाजार, सहदुल्लाहनगर, श्रीदत्तगंज, पेहर, धुसवा, गैंडास बुजुर्ग में क्लीनिक एवं जच्चा-बच्चा केंद्र बेखौफ होकर अवैध रूप से चल रहा है। महज कुछ पैसो की लालच के लिए नॉर्मल डिलीवरी को भी सिजेरियन कर दिया जाता है।
इन केंद्र पर न तो हॉस्पिटल जैसी आधुनिक सुविधाएं हैं और ना ही मरीजों की भर्ती करने के लिए कोई वैध लाइसेंस फिर भी इन जच्चा बच्चा केंद्र मे नार्मल प्रसव के साथ-साथ सिजेरियन प्रसव भी पूरी तरह धड़ल्ले से कराया जा रहा है। शिकायतों के बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह आंख बंद कर धृतराष्ट्र बना हुआ है। जबकि ऐसे फर्जी अस्पतालों में कभी जच्चे की जान तो कभी बच्चे की जान चली जाती है। अभी कुछ दिन पूर्व सहदुल्लाहनगर में लापरवाही के चलते एक निजी अस्पताल में प्रसव के बाद जच्चा बच्चा दोनो की मौत हो गई। मौत के बाद परिजनों ने काफी हंगामा भी खड़ा किया। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाई न होने की सूचना है।
रिपोर्ट आमिर सिद्दीकी