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सर्पदंश से बचाव को लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा एडवाइजरी जारी




बलरामपुर यूपी


बरसात के मौसम में सर्पदंश की संभावित घटनाओं से बचाव को लेकर जिलाधिकारी श्री अरविन्द सिंह के निर्देशन में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जनसामान्य के लिए एडवाइजरी जारी की गई है।
प्रभारी अधिकारी दैवीय आपदा/अपर जिलाधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि बारिश के दौरान जलभराव सर्प एवं अन्य जीव जन्तु उच्च एवं सुरक्षित स्थानों की ओर भागते हैं और गर्मी में उमस के कारण बाहर निकलते हैं। ऐसी दशा में बरसात के मौसम एवं गर्मी में सर्पदंश एवं अन्य जन्तुओं के काटने की घटनाओं में वृद्धि हो जाती है। उन्होंने सांप काटने की घटना होने पर तुरन्त क्या करें के बारे में बताते हुए कहा कि काटे गये जगह को साबून व पानी से धोएं। दांत के निशान की जांच करें, कही जहरीले सर्प के काटने का दो दंत का निशान तो नही ?। काटे हुए अंग को हृदय के लेवल से नीचे रखे, सर्पदंश वाले अंग को स्थिर (फिक्स) करें। बैंडेज घाव पर और उसके ऊपर लगायें। घायल व्यक्ति को सान्त्वना दें, घबराहट से हृदय गति तेज चलने से रक्त संचरण तेज हो जायेगा और जहर सारे शरीर में जल्द फैल जयेगा। इसलिए सर्पदंश के पीड़ित व्यक्ति को तुरंत निकटतम सीएचसी या जिला अस्पताल ले जाएं और यदि जहरीले सर्प ने काटा है तो एन्टी स्नैक वेनम का इजेक्शन डाक्टर से लगवाएं।
सर्पदंश की घटना होने पर क्या नहीं करना चाहिए के बारे में जिला आपदा विशेषज्ञ अरूण सिंह ने बताया कि संाप काटने पर बर्फ अथवा अन्य गर्म पदार्थ का इस्तेमाल काटे गये स्थान पर न करें। सर्प से प्रभावित व्यक्ति के कटे स्थान पर कपड़ा आदि न बांधें। इससे संबंधित अंग में रक्त प्रवाह पूरी तरह रूक सकता है एवं संबंधित अंग की क्षति हो सकती है। काटे गये स्थल पर चीरा न लगाए। यह आगे नुकसान पहुंचाता है। घायल को चलने से रोकें। शराब/नींद आने की कोई दवा नहीं दें। मुंह से कटे हुये स्थान को न चूसें। मंत्र या तांत्रिक के झांसे में कतई न आये तथा भय एवं चिंता न करें। उन्होंने बताया कि सभी सॉप जहरीले नहीं होते है और सभी जहरीले सांपों के पास हर समय पूरा जहर नहीं होता अगर पूरा जहर हो तो भी वो इसका 25 प्रतिशत डोज हमेशा नहीं प्रवेश करा पातें है। इसलिए सांप के काटने के उपरान्त काटने के निशान की जांच करें। जॉच करें कि जहरीले या विषहीन सॉप ने काटा है। सॉप के विष के अनुसार एंटी वेनम (इंजेक्शन) लगवाया जाय। उन्होंने लक्षणों के बारे में बताया कि विषहीन सॉप के काटने से भी घाव के आसपास सूजन और खुजलाहट होती है। इसी प्रकार जहरीले स्पेक्टाकल्ड कोबरा के काटने पर रूधि तंत्र पर असर करने वाले जहर काटे गये जगह पर दर्द नींद आना, सांस लेने में परेशानी/बंद होती पलकें, नेक्रोसिस (शरीर के कोशिकाओं की मृत्यु), पक्षाघात, मुॅह परा झाग का आना , निगलने में परेशानी महसूस होती है। कामन करैत के काटने पर रूधि तंत्र पर असर करने वाला जहर, नींद आना, सांस लेने में परेशानी, बंद होती पलकें, निगलने में परेशानी पक्षाघात, जी मिचलाना, पेट में अत्यधिक दर्द, स्केल्ड वाइपर, उत्तक को नष्ट करने वाला जहर, काटे गये स्थान पर जलन एवं दर्द, पीठ के निचले भाग एवं लोइन (पसली एवं कमर के हड्डी के बीच वाली जगह पर दर्द), मानसिक क्षति के कारण आंतरिक कोशिकाओं एवं वाह्य कोशिका में रक्तस्राव। अत्यधिक सूजन, काटे गये स्थान पर तेजी से जलन, अत्यधिक नेक्रोसिस यानी शरीर के कोशिकाओं की मृत्यु हो जाती है।
सांपों को घरों से दूर रखने के उपायों के बारे बताया कि सांप के बिल में कार्बाेलिक एसिड डाल दें, उसके गंध से सॉप दूर हो जाते है। मुर्गी के चूजे और चूहे को घरों से दूर रखें, सांप काटने से मृत व्यक्तियों में से आधे से अधिक लोग विषहीन सर्प के काटने से मरते है, सर्पदंश के बारे में जानकारी ही बचाव है।


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