भोपतपुर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल, फर्जी मुकदमे के आरोप के बाद अधिकारियों से की शिकायत
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रिपोर्ट:- नौशाद खान
छपिया (गोंडा)। एण्टी रोमियो अभियान के नाम पर भोपतपुर पुलिस सहायता केंद्र की कार्रवाई ने पुलिस की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दो युवकों ने सिपाही और दीवान पर सनसनीखेज आरोप लगाया कि वे अक्सर उनके साथ समय बिताते थे, मगर अभियान के दबाव में सच्चाई को कुचलकर उन पर फर्जी मुकदमे ठोक दिए गए। एक ही दिन—9 अक्टूबर को अलग-अलग समय और स्थान पर दर्ज ये मामले क्षेत्र में चर्चा का विषय हैं। लोग कह रहे हैं, जब पुलिस अपने साथ समय बिताने वालों को फंसा देगी, तो आम जनता का भरोसा कैसे बचेगा? पीड़ितों ने पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल, डीजीपी और डीआईजी को शिकायत देकर निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।तेजपुर निवासी राहुल वर्मा ने बताया कि 9 अक्टूबर को सुबह 10:30 बजे सिपाही राहुल चौहान ने फोन कर थाने बुलाया। पूरे दिन वे सिपाही राहुल चौहान और दीवान राजकुमार के साथ थाने पर रहे। मगर उसी दिन 4:35 बजे उपनिरीक्षक श्रीराम प्रसाद की तहरीर पर बीएनएस धारा 296 के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया गया। आरोप है कि दोपहर 2:45 बजे गायत्री इंटर कॉलेज, खपरीपारा के बाहर उन्होंने छात्राओं पर फब्तियां कसीं। राहुल ने बताया कि मैं उस समय थाने पर था। यह साजिश है।
भोपतपुर बाजार के विष्णु प्रजापति ने बताया कि 9 अक्टूबर को सुबह सिपाही राहुल चौहान ने ‘जरूरी बात’ के बहाने थाने बुलाया। दिनभर थाने पर बैठाए रखा गया, फोटो खिंचवाया गया। बाद में पता चला कि उपनिरीक्षक गोविंद तिवारी की तहरीर पर बीएनएस धारा 296 के तहत वलिउद्दीन इंटर कॉलेज के बाहर अभद्रता का फर्जी मुकदमा दर्ज हुआ। विष्णु ने कहा, “घटना के समय मैं थाने पर था। मेरे परिवार और पड़ोसी गवाह हैं।दोनों का आरोप है कि एण्टी रोमियो अभियान के दबाव में पुलिस सच्चाई को ताक पर रखकर आंकड़े जुटा रही है। एक ही दिन, अलग समय और स्थान पर दर्ज फर्जी मुकदमों ने संदेह पैदा किया है। पीड़ितों ने सिपाही राहुल चौहान, दीवान राजकुमार, उपनिरीक्षक श्रीराम प्रसाद और गोविंद तिवारी के खिलाफ कार्रवाई, फर्जी मुकदमे रद्द करने और फर्द गिरफ्तारी की सत्यता की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। क्षेत्राधिकारी मनकापुर उदित नारायण पालीवाल ने बताया कि जांच शुरू है।