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बाराबंकी : खुमार बाराबंकवी, जिनकी शायरी का खुमार आज भी दिल से उतारे नहीं उतरता




ब्योरो रिपोर्ट : बाराबंकी | इंडिया टाइम्स समाचार एजेंसी | 15 सितंबर 2022 |


बाराबंकी उत्तर प्रदेश :  15 सितम्बर को जनपद बाराबंकी के अन्तर्गत शहर के मुगल दरबार स्थित हाल में खुमार मेमोरियल अकादमी के जनरल सेक्रेटरी जनाब उमेर किदवई के द्वारा आयोजित शहंशाहे गजल मशहूर व मारूफ शायर मरहूम जनाब खुमार बाराबंकवी के यौमे पैदाइश के मौके पर ” खुमार की शायरी व शख्शियत “पर कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

इस कार्यक्रम का आगाज हज़रत खुमार साहब के पोते फैज़ खुमार ने अपने दादा की लिखी हुई गजल से किया।फजल इनाम मदनी के कुशल संचालन तथा जनाब शारिब रुदौलवी की सदारत में मुख्य अतिथि जनाब जफर अली नक़वी ने हजरत खुमार साहब की जिन्दगी पर गुफ्तगू की।


इस मौके पर पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप ने कहा कि आज खुमार साहब हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके लिखे हुए गीत, गज़ल,और शायरी ने उन्हें आज भी जिन्दा रखा है।उन्होंने देश ही नहीं पूरी दुनिया में जनपद बाराबंकी का नाम अपनी दमदार शायरी की बदौलत रौशन किया है। फिल्मी दुनिया में भी खुमार साहब ने अपने गीतों के माध्यम से अपनी पहचान बनाई है सैकड़ों उनके लिखे हुए गाने आज भी लोग गुनगुनाते हैं। पूर्व मंत्री ने आगे कहा कि खुमार साहब की सादगी और उनकी अपनी पहचान थी।सरल स्वभाव नरम लहज़ा उनको और मकबूल बना देती थी।उनकी विरासत को उनके पोते फैज खुमार आगे बढ़ा रहे हैं।


इस मौके पर जिले की मशहूर और मकबूल शख्शियत मरहूम हजरत खुमार साहब, गयासुद्दीन किदवई,और स्व राजीव चौधरी के चित्रों का लोकार्पण भी किया गया। मैं इस अवसर पर उन्हें दिल से खिराजे अकीदत पेश करता हूं।इस मौके पर खुमार साहब के जिन्दगी पर बोलने वालों में मुख्य रूप से सदर विधायक धर्मराज सिंह उर्फ सुरेश यादव, डा इस्मत मलीहाबादी, डा अनवर खां साहब, अख्तर जमाल उस्मानी साहब,राजनाथ शर्मा जी,हशमत उल्ला साहब, अमीर हैदर, डा, जावेद,फराजुद्दीन किदवई,परवेज अहमद, तारिक जिलानी,हशमत अली गुड्डू,हुमायूं नईम खां,अनवर महबूब, आफाक अली,आदि सैकड़ों लोग रहे।


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