सरकारी अस्पताल बना प्राइवेट अस्पताल, डॉक्टर जेब गर्म करने के लिए लिख रहे हैं बाहर की दवा
1 min read
रिपोर्ट:- नौशाद खान
गोण्डा। जब भ्रस्टाचार करके जेब भरने की आदत हो जाये तो कोई कुछ भी करे भ्रस्टाचारी अपनी करतूतों से बाज़ नही आते!
मामला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रुपईडीह आर्यनगर का है ,जहाँ पर तैनात डॉ सुरेश कुमार प्रजापति लगातार अधिकारियों के आदेश का धता बता कर अपनी जेब भरने में लिप्त है
अस्पताल में आयरन सुक्रोस की इंजेक्शन भारी मात्रा में उपलब्ध है फिर भी ये महोदय बाहर से महंगी आयरन सुक्रोस की इंजेक्शन मंगवा कर ही लगवाते है क्योंकि इनको मरीज़ से नही बल्कि अपनी जेब भरने से ही सिर्फ मतलब है ।
हर मरीज़ को दो पर्चे दिए जाते है,एक बड़ा पर्चा सरकारी दवा का कोरम पूरा करता है दूसरा जोकि छोटी पर्ची के रूप में रहता है उसपर बाहर की दवा लिखते है जिसमे इनका कॉमिशन होता है ।
योगी सरकार लगातार अस्पताल की दशा सुधारने में लगी है किंतु उनकी सरकार में ऐसे डॉक्टर भी है जोकि इस प्रकार का अमानवीय कृत्य करके सरकार की मंशा को ठेस पहुँचाने का काम कर रहे है ।डॉ सुरेश कुमार प्रजापति के ऊपर किसी भी अधिकारी के आदेश का कोई प्रभाव नही पड़ता है ।ये सरकारी अस्पताल को अपने प्राइवेट अस्पताल की तरह संचालित करके सिर्फ अपनी जेब भरने में लगे हुए है ।