शासन अपने मंत्री के द्वारा दिए गए आश्वासन को चालीस वर्ष बाद भी पूर्ण करनें में नाकाम,”मांझी जब नाव डुबाए तो उसे कौन बचाए”…वाली कहावत हो रही चरितार्थ
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शासन अपने मंत्री के द्वारा दिए गए आश्वासन को चालीस वर्ष बाद भी पूर्ण करनें में नाकाम,”मांझी जब नाव डुबाए तो उसे कौन बचाए”…वाली कहावत हो रही चरितार्थ
दूसरी पीढी भी उम्र के आखिरी पडाव पर मुआवजे को लेकर प्रदर्शनरत,मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी का आश्वासन दो पीढ़ियों बाद भी अधूरा,कलंकित हो रहा महकमा
तौकीर असलम,इंडिया टाइम्स न्यूज एजेंसी
डुमरियागंज,सिद्धार्थ नगर(29/03/2025)
सरकार एक मंत्री द्वारा किए गए वादों को अगर नहीं पूरा करती है तो मृतक आत्मा को शांति प्रदान नहीं हो सकता है आज भी उस स्वास्थ्य मंत्री के आत्मा को बार बार मारा जा रहा है,जब जब आवाजें उठेंगी कि एक स्वास्थ्य मंत्री नें कोरे वादे करके लोगों के साथ धोखा किया तो आप समझ लीजिए कि पूरा शासन आज भी हो रहा है शर्मसार।
5 जुलाई 1984 से आज तक सरकारें तो बदलती रहीं लेकिन शासन द्वारा लोगों से किए गए आश्वासन नहीं हुए पूरे और न ही मिला मुआवजा दिवा स्वप्न रहा एक सदस्य को सरकारी नौकरी का वादा,झूठे वादे करके सीएचसी बेंवा का निर्माण कर लिया गया और आज तक नहीं किया गया पूरा
उत्तर प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे स्व. पंडित लोकपति त्रिपाठी ने 5 जुलाई 1984 में बेवा में “सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेंवा” का शिलान्यास किया था। शिलान्यास के समय से अस्पताल निर्माण का विरोध हुआ था और तत्कालीन जनप्रतिनिधियों,संबंधित अधिकारियों व अन्य जिम्मेदारों द्वारा सर्किल रेट के अनुसार जमीन का मुआवजा देने व प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का आश्वासन दिया गया था और इसी आश्वासन पर चिकित्सालय का निर्माण हुआ लेकिन आश्वासन आज तक पूरा नहीं हुआ।उसके बाद से सरकारें बदलती रहीं लेकिन मुआवजा नहीं मिल सका।
सरकार की दबंगई का एक ऐसा उदाहरण दिखा जिससे हर कोई हतप्रद है।भूमि अधिग्रहण नियमों को ताक पर रखकर किया गया सरकारी चिकित्सालय का निर्माण दूसरों को नियम की सीख देने वाले शासन प्रशासन पर जब खडे हो रहे प्रश्न-चिन्ह तो कुछ जवाब नहीं दिखाई पड़ता।
भूमिधरी काश्तकारों की जमीन पर बने सरकारी अस्पताल की मुआवजे की मांग मांगते मांगते एक पीढ़ी गुजर गई अब दूसरी पीढ़ी उम्र के आखिरी पड़ाव में रहकर वही मांग दोहरा रही है लेकिन अब तक एक को छोड़कर करीब चार दर्जन लोगों को मुआवजा नही मिल सका है। प्रशासन से लेकर कोर्ट तक की शरण ले चुके हैं।
गुरुवार को काश्तकारों ने डुमरियागंज क्षेत्र के बेंवा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्रदर्शन कर मुआवजे की मांग दोहराई।प्रदर्शन में शामिल अयोध्या प्रसाद मिश्र, कृष्णपाल मिश्र,अशोक मिश्र,कृष्ण कुमार मिश्र आदि दर्जनों काश्तकारों ने अपनें मुवावजे की मांग उठाई।