अकीदत के साथ मनाया गया उर्स मासूम-ए-मिल्लत
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नामूसे रिसालत अहले बैत से वाबस्तगी और अज़मते सहाबा का तहफ्फुज़ हि हमारा मिशन है।
पिपरा महिम शरीफ ख़ानक़ाहे हशमतिया में मुनअक़िद दो रोज़ा उर्से मासूमे मिल्लत, से शहजादगाने शेर बेश-ऐ- अहले सुन्नत का उर्स में आए हजारों अकीदत मंदों से सम्बोधन।
ब्योरो रिपोर्ट
इमामे इश्क व मोहब्बत आला हजरत इमाम अहमद रज़ा खां फाज़िले बरेलवी (अलैहिर्रहमा) का जो मिशन लेकर मज़हरे आला हजरत शेर बेश-ऐ-अहले सुन्नत ने बर्रे सग़ीर के मुसलमानो को जो मसलक दिया था उसका मिशन नामूसे रिसालत,अहले बैते अतहार से वाबस्तगी और अज़मते सहाबा का तहफ्फूज़ है। हम खानकाहे हशमतिया के लोग इसी मिशन की अबियारी के लिए अपना तन मन धन सब कुर्बान करते रहे हैं और करते रहेंगे। आज पहली उर्स मासूमे मिल्लत की तारीख साज़ तकरीब से हम पैगाम आम करना चाहते हैं। यह ऐलान मुफ्ती-ए-आजम पीलीभीत शहजाद -ए-मासूमे मिल्लत अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद मेहरान रज़ा खान हशमती ने जश्ने ईद मिलादुन्नबी वह जश्ने दस्तारबंदी से खिताब करते हुए किया।
उन्होंने कहा कि खानकाहे हशमतिया के लोग गुस्ताखाने रिसालत मअब,नास्बियों और राफज़ियों के खिलाफ हशमती डंडा चलाते रहेंगे हमने हमेशा अली अली का नारा बुलंद किया है क्योंकि हमारी निस्बत ही अली से है जो हमारे हजरत हशमत अली से लेकर फातहे खैबर दामादे पैगंबर तक पहुंचता है।
उन्होंने यह भी कहा कि खानकाहे हशमतिया का अज़ीम इदाराह अल-जामे अतुल हशमतिया एक ऐसा ममबए इल्मों फन है जहां आने वाले नवनेहालाने मिल्लत को हाफिज कारी और अलीम बाद में बनाया जाता है पहले उन्हें इसके रसूल और आले रसूल के साथ अजमत ए सहाबा व औलिया-ए- किराम का जाम पिलाया जाता है।
अल्लामा शमाइल रज़ा खान हशमती ने सवाल किया कि गौसो ख्वाजा के दीवानों से नमाज़ का हिसाब पूछने वालों क्या तुमने किसी और कबीले से भी नमाज़ का सवाल किया है? कहीं ऐसा तो नहीं कि तुम्हें नमाज की फिक्र बजाए गौसो ख्वाजा की अकीदतों से ऐतराज हो तुम्हें अली अली के नारे से भी तकलीफ होती है हम जब-जब अहले बैत की शान में अकीदतों का नजराना पेश करते हैं आखिर तुम्हें तकलीफ क्यों होने लगती है।
अल्लामा मुफ्ती फारान रज़ा खान हशमती ने मासूमे मिलत (अलैहिर्रहमा) की खिदमत बयान करते हुए कहा कि आज हजरत की पहली उर्स में अकीदतमंदों का उमड़ता हुआ सैलाब इस बात का गवाह है की हजरत ने इलाका सादुल्लाह नगर गौरा चौकी ही नहीं बल्कि मुल्क के कोने-कोने तक जो इशके रसूल की शामएं रोशन की है वह किस तरह लोगों के दिलों में जां गुज़ी नज़र आता है। उनके अलावा मौलाना महमूद अली मुशाहिदी उस्ताद जामिया अशरफिया मुबारकपुर, मौलाना रियाज हैदर हनफी उतरौला, मुफ्ती नकीबुर्रहमान, मुफ्ती अब्दुल रहमान कादरी और अल्लामा मुफ्ती मनाकिबुल हशमत हशमती समेत उलमा ए किराम ने खिताब किया और इशके रसूल व अहले बैत के साथ आज़मते साहाबा की जाम पिलाई।
प्रोग्राम का आगाज़ क़ारी अब्दुल हफीज हशमती और करी फारूक़ अहमद हशमती की तिलावत से हुआ अखलाक महबूबी,और मिर्ज़ा सिबतैन रज़ा, अख्तर गोंडवी समेत नात खव्नो ने नातो मन्क़बत के नजराने पेश किये।
दो रोज़ा उर्स और जश्ने ईद मिलादुन्नबी व जश्ने दस्तार की सरपरस्ती शहजादगाने शेर बेश-ऐ- अहले सुन्नत अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद इदरीस राज़ा खान हशमती और अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद नासिर रज़ा खान हशमती ने की।
प्रोग्राम का इख्तिताम अल-जामे अतुल हशमतिया के फजीलत, आलमियत,और हिफ्ज़ के फारगीन के सरों पर दस्तारबंदी व सलातो सलाम और खुसूसी दुआ के साथ हुआ
इस दौरान क़ायदे अहले सुन्नत मौलाना मुफ्ती मोहम्मद फरज़ान रजा खान हशमती, मौलाना मुफ्ती मोहम्मद फरमान रजा खान हशमती, मौलाना मुफ्ती मोहम्मद मशारिब रजा खान हशमती, मौलाना मोहम्मद महामिद रजा खान हशमती,समेत बड़ी संख्या में उल्मा -ए-किराम भी मौजूद रहे। इस मौके पर अलहाज तजमुल हुसैन हशमती मुंबई, मौलाना गुलाम जीलानी, मौलाना गुलाम मुर्रतज़ा हशमती मिस्बाही, रिजवान अहमद महबूब भाई, सगीर अहमद, मकसूद अहमद,अनीस क़ादरी,बाबुल्लाह, हशमती,मास्टर गुलाम जीलानी बेग, हाफिज महमुदूल हसन बेग, फारूक ठेकेदार वहीदउल हसन,कुतुबुद्दीन सिद्दीकी अब्दुल वहीद अब्दुल रज़्ज़ाक़, शमसुद्दीन खान, मौलाना खालिद हशमती,समेत भारी संख्या लोग मौजूद थे जिन खुश नसीबों के सरों पर बंधे दस्तार।
बीती रात उर्से मासूमे मिल्लत के मौके पर मुनअकिद अल-जामे अतुल हशमतिया के जश्ने दस्तारबंदी में उलमा-ए-किराम के हाथों जिन खुशनसीबों के सारों पर दस्तार बांधे गए उनमें फज़ीलत के 18 अलमियत के 15 और हिफ्ज़ व क़िरात के 7 होनहारों के नाम शामिल है।
फजीलत
मोहम्मद अहमद, गुलाम हशमत, मोहम्मद आसिफ, मोहम्मद शादाब ,मोहम्मद आकिब, मोहम्मद नसीम, मोहम्मद मेहताब, नूर अहमद, जुबेर, तय्यब अली, अब्दुल सुबहान, गुलाम अहमद रजा, गुलाम फारूक, अमजद अली, मोहम्मद हंज़ला रज़ा, गुलाम जीलानी, इमरान और गुलाम मोहिउद्दीन
आलमीयत
मोहम्मद शादाब, मोहम्मद सिबतैन, मोहम्मद शमशाद, मुहामिदुल हशमत, मोहम्मद कलीम, मोहम्मद मेहताब, मोहम्मद आरिफ मोहम्मद जीशान, मोहम्मद खालिद, गुलाम अब्दुल कादिर, मोहम्मद आबिद, मोहम्मद समीर, मोहम्मद सक़लैन, गुलाम यज़दानी और मोहम्मद अबसार,
हिफ्ज व क़िरात
मोहम्मद फहीम, मोहम्मद आदिल, मोहम्मद आसिफ, मोहम्मद अस्करी, मोहम्मद तौसीफ, मोहम्मद नसीम और मोहम्मद जीशान।
दोनों जिलों की पुलिस प्रशासन का रहा खुसूसी सिक्योरिटी बंदोबस्त
दो दिवसीय उर्से मासूमे मिल्लत में भारी संख्या में आए अक़ीदतमंदों की भीड़ के पेशे नज़र गोंडा और बलरामपुर की पुलिस प्रशासन का बेहतरीन सिक्योरिटी बंदोबस्त रहा छपिया थाना प्रभारी कृष्ण गोपाल राय, और सादुल्लाह नगर थाना इंचार्ज मनोज कुमार सिंह, भी उर्स के दौरान खुद मौजूद रहे। साथ ही बड़ी तादाद में अपने-अपने हल्कों में पुलिस फोर्स और ट्रैफिक पुलिस का भी बंदोबस्त कर रखा था उतरौला और मनकापुर सर्कल के सीओ भी दौरा करते रहे।
वहीं उर्स व दीगर प्रोग्रामों के कन्वीनर अलहाज करी शरफुद्दीन खान हशमती और उनके सहयोगी कारी शहज़ाद रज़ा हशमती ने भी सभी अफ्सरान का भरपूर सहयोग के लिए शुक्रिया अदा किया।