गोण्डा में सपा के लिए बड़ी चुनौती, कौन अटका रहा कांटे; पढ़ें खास रिपोर्ट
1 min readरिपोर्ट: नौशाद खान
गोण्डा– लोकसभा चुनाव 2024 के तारीखों का ऐलान हो चुका है लोकसभा में पांचवें चरण में वोटिंग है। लोकसभा क्षेत्र में सपा और भाजपा ने अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। वही सत्ताधारी बीजेपी ने अपने पुराने प्रत्याशी मौजूदा सांसद पर भरोसा जताया है और उन्हें तीसरी बार लोकसभा का टिकट दिया है। वही समाजवादी पार्टी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा की पौत्री पर भरोसा जताते हुए गोंडा संसदीय क्षेत्र के लोकसभा के प्रत्याशी बनाया है। सत्ताधारी बीजेपी हो या फिर विपक्षी पार्टियां सभी अपनी जीत को लेकर जोर-आजमाइश में जुटी हैं। लेकिन गोंडा लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा की पौत्री को टिकट देकर भाजपा प्रत्याशी के लिए जीत का रास्ता और आसान कर दिया है
सियासी फलक पर चमके राजा भैया, लगेगी हैट्रिक!!
साल 1998 में गोण्डा लोकसभा सीट जीतकर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने वाले कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया ने 2004, 2014 और 2019 के चुनाव में भी फतह हासिल कर अपनी लोकप्रियता और रसूख का न सिर्फ लोहा मनवाया, बल्कि जिले की राजनीति के पितामह कहे जाने वाले अपने पिता पूर्व सांसद कुंवर आनंद सिंह की विरासत को सियासी फलक पर पहुंचाकर अपनी अलग पहचान बनाई है!
कुर्मी वोटरों पर सपा की नजर
दरअसल, समाजवादी पार्टी की नजर लोकसभा क्षेत्र में अपने वोट बैंक के साथ ही कुर्मी वोटरों पर भी है। श्रेया वर्मा को प्रत्याशी बनाए जाने के पीछे पार्टी की मंशा जगजाहिर है। बताते हैं कि गोंडा लोकसभा क्षेत्र में ब्राह्मण लगभग 22 प्रतिशत, क्षत्रिय करीब 4 प्रतिशत, कुर्मी 14 प्रतिशत, यादव 8 प्रतिशत, दलित 21 प्रतिशत, मुस्लिम 24 फीसदी के साथ ही 7 प्रतिशत अन्य हैं।
श्रेया के लिये सबसे बड़ी चुनौती
अयोध्या से सटा होने के कारण गोण्डा लोकसभा सीट पर राम लहर का अच्छा खासा प्रभाव है। इस लहर में हिंदू वोटरों में सेंध लगाना मुश्किल है। भाजपा से दो विधायक प्रभात वर्मा गौरा विधानसभा और उतरौला विधानसभा से राम प्रताप वर्मा हैं जो वर्मा वोटरों को बिखरने नहीं देंगे। वही दूसरी तरफ श्रेया वर्मा के लिए बाहरी होने का भी है। श्रेया बाराबंकी जिले से हैं। यहां की जनता समाजवादी पार्टी के सम्भावित प्रत्याशी को स्वीकार करेगी या नहीं यह भी एक बड़ा सवाल है।
श्रेया वर्मा को अपने स्वर्गीय बाबा बेनी प्रसाद वर्मा के शिलान्यास सांसद के ठप्पे को हटा पाना दूसरी सबसे बड़ी चुनौती है। 2009 के लोकसभा चुनाव में बेनी प्रसाद वर्मा ने एक दबाव तीन गिराओ का नारा देकर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत कर गोंडा के सांसद बन गए थे। जीतने के बाद गोंडा में विकास के नाम पर कुछ भी नहीं किया !
वही जनता का रुझान भी इस बार स्थानीय बनाम बाहरी प्रत्याशी मुद्दे पर ज्यादा दिखाई पड़ता है। लोगों का कहना है कि बाहरी प्रत्याशियों में बाराबंकी के हैं। अब प्रत्याशी श्रेया वर्मा से बेहतर हमारे सांसद कीर्ति वर्धन सिंह उर्फ राजा भैया से अच्छा विकल्प कतई नहीं